निर्भया केस : डेथ वारंट पर 7 जनवरी तक टला फैसला

 


निर्भया केस : डेथ वारंट पर 7 जनवरी तक टला फैसला


नई दिल्ली। पटियाला हाउस कोर्ट में निर्भया के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करने की मांग वाली याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। अदालत ने तिहाड़ जेल प्रशासन को आदेश दिया कि वह दोषी अक्षय को एक नया नोटिस जारी करके एक सप्ताह में जवाब लें कि क्या वह दया याचिका दायर करना चाहता है। इसके साथ ही दोषियों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेशी भी हुई। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद मामले की अगले तारीख 7 जनवरी 2020 के लिए तय कर दी है।


 

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सतीश कुमार अरोड़ा के समक्ष निर्भया की वकील सीमा समृद्धि कुशवाहा ने कहा कि निर्भया को न्याय मिलने में लगातार देरी हो रही है। यह केस फास्ट ट्रैक कोर्ट में होने के बावजूद सात साल ज्यादा समय तक लंबित हो गया है। न्याय की आवाज उठाते-उठाते निर्भया की मां की तबीयत भी खराब होने लगी है। ऐसे में दोषियों को दी गई सजा पर जितना जल्दी अमल किया जाए उतना समाज के लिए बेहतर है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक दोषी की समीक्षा याचिका खारिज कर दी है।
'गांधी जी ने कहा था पाप को मारो, पापी को नहीं'
दोषियों की ओर से वकील एपी सिंह ने कोर्ट के समक्ष दलील देते हुए गांधी जी को याद किया और उनके उस संदेश का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि 'पाप को मारो, पापी को नहीं।' उन्होंने दलील दी कि दिल्ली में प्रदूषण इतना ज्यादा बढ़ गया है कि लोग मर रहे हैं। इसलिए उनके मुवक्किलों को फांसी ना दी जाए। दोषियों के परिवारों की आर्थिक हालत भी बेहद नाजुक हैै। लिहाजा, दोषियों को फांसी ना दी जाए।
जेल प्रशासन बताए, क्या अक्षय दया याचिका देना चाहता है
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने तिहाड़ जेल प्रशासन से कहा कि वह दोषी अक्षय को एक सप्ताह के लिए नया नोटिस जारी कर यह बताएं कि क्या वह दया याचिका दायर करना चाहता है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगली तारीख पर इस मामले में सुनवाई होगी। कोर्ट द्वारा मामले की सुनवाई 7 जनवरी तक बढ़ाए जाने पर निर्भया की मां कोर्ट रूम में भावुक होकर रो पड़ीं।